एक मिस-कॉल
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जो गलती से लगी, वह दिशा बन गई नीलकंठ चिंतामणि उमादास को भूल ही गये थे। पर
आज सवेरे जब फोन पर रात दो बजे की एक मिस्ड कॉल देखी, और नम्बर के आखिरी अंक
2848 पर...
2 days ago
बस बैठे बैठे अगर दिमाग में कुछ सही विचार आए तो उसे सब तक पहुंचाने का एक दम सही मंच है ब्लॉग ........ बस यही सोच कर इस ब्लॉग का जन्म हुआ ।
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