Thursday, August 28, 2008

बेशर्मी की इंतिहा

ये तो parakshtha है कितनी आराम से शिबू सोरेन झारखण्ड के सीएम फ़िर बन गए कल तक अड़े हुए मधु कौडा दिल्ली तलब हुए और बिना किसी विरोध के इस्तीफा देकर गुरु जी के लिए रास्ता खाली कर गए । पर क्यों हुआ ऐसा सोचना पड़ेगा ? क्या जनता द्वारा चुनी हुई सरकार का कोई मतलब नही है ?
सब कुछ हाई कमांड के इशारे पर फिर इस ढकोसले इस फार्श का मतलब ?
लोकतंत्र के मुंह पर तमाचा है यदि इसका डट कर विरोध नहीं हुआ तो ऐसे तमाचे हमें अक्सर लगेंगे और हम अपने गाल ही सहलाते रहेंगे और ये नेता लोकतंत्र के नाम पर अपना हुक्म अपना सिक्का चलाते रहेंगे

Monday, August 4, 2008

हाय दोस्त क्या हाल है?

ज़बरदस्त होड़ लगी थी कि भारत व श्री लंका में कौन जीतेगा

मन था कि भारत जीते डर था कि कहीं श्रीलंका न जीत जाए

पर ख़ैर भारत जीता और बड़े चौचक तरीक़े से

मज़ा आय गवा रजा